Текст песни
तुम कितनी सुन्दर हो
दिल हार बैठे तुझपे
कर बैठे सब कुर्बान
अब याद है बस तू ही
तू ही सुबह और शाम..
उड़े खुशबू जब चले तू
तुझको रब्ब किया क़रार..
ना कजरे की धार
ना मोतियों के हार
ना कोई किया सिंगार
फिर भी कितनी सुंदर हो
तुम कितनी सुंदर हो
ना कजरे की धार
ना मोतियों के हार
ना कोई किया सिंगार
फिर भी कितनी सुंदर हो
तुम कितनी सुंदर हो
यूँही नही यूँही नही हैं कहते
सच यही सच यही है के तुम
मेरे लिए सारे जहाँ से सुंदर हो
तेरी अदा तेरी अदा पे मरते
सच यही सच यही है के तुम
मेरे लिए सारे जहाँ से सुंदर हो
तुम कितनी सुंदर हो
है चाँद सी ये सूरत..
सागर सी तेरी आँखें...
लब्ब बोलते हैं ऐसे..
परियों सी तेरी बातें..
अब तू ही कर मुकम्मल
छाया है जो ये खुमार
ना कजरे की धार
ना मोतियों के हार
ना कोई किया सिंगार
फिर भी कितनी सुंदर हो
तुम कितनी सुंदर हो
ना कजरे की धार
ना मोतियों के हार
ना कोई किया सिंगार
फिर भी कितनी सुंदर हो
तुम कितनी सुंदर हो
तुम कितनी सुंदर हो
यूँही नही यूँही नही हैं कहते
सच यही सच यही है के तुम
मेरे लिए सारे जहाँ से सुंदर हो
तेरी अदा तेरी अदा पे मरते
सच यही सच यही है के तुम
मेरे लिए सारे जहाँ से सुंदर हो
तुम कितनी सुंदर हो
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